वानरी कल्प के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

वानरी, कपिकच्छु-केवांच का ही एक नाम है। केवांच के पौधे की फली पर बन्दर की तरह रोयें होते हैं जिस कारण केवांच को कपिकच्छु, कपिलोमा, कपि, मर्कटी, और वानरी कहा जाता है।

वानरी कल्प (सांडू) एक हर्बल आयुर्वेदिक औषधि है जिसे वानरी बीजों से बनाया गया है। वानरी, कपिकच्छु-केवांच का ही एक नाम है। केवांच के पौधे की फली पर बन्दर की तरह रोयें होते हैं जिस कारण केवांच को कपिकच्छु, कपिलोमा, कपि, मर्कटी, और वानरी कहा जाता है।

कौंच के बीजों को आयुर्वेद में हजारों साल से पुरुषों के यौन विकार, वात-व्याधि, बांझपन, रक्तस्राव विकार, कमजोरी और कम्पवात या पार्किंसंस रोग के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। कौंच का सेवन शरीर में कफ, पित्त और वात संतुलित करता है। यह तासीर में ठंडा होता है और शरीर को ठंडक देता है। इसक सेवन से शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह शरीरिक शक्ति में वृद्धि करता है और पुरुषों की यौन क्षमता और वीर्य में सुधार लाता है। यह एक उत्तम वाज़िकारक है जो लिबिडो को बढ़ाता है।

Vanari Kalp (Sandu) is an herbal Ayurvedic medicine containing Kevanch. Kevanch is a well-known scientifically proven herb to treat nerves weakness, sexual disorders and Parkinson’s diseases. Kaunch seeds are obtained from the plant Mucuna prurita. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

वानरी कल्प के घटक | Ingredients of Vanari Kalpa in Hindi

कौंच के बीज: कौंच या शूक शिम्बी लताजाती की वनों में पायी जाने वाली औषधि है। दवा की तरह इसके बीजों तथा जड़ो का प्रयोग होता है। बीजों का प्रयोग ज्यादा होता है। इसकी फली पर ताम्बे के रंग के बड़े रोयें होते हैं जो बन्दर की तरह दिखते हैं। इन रोयें से छू जाने पर शरीर में तेज़ खुजली होती है। एक फली में ४-६ बीज होते है। बीज जो काले होते हैं वह दवा के रूप में ज्यादा असरदार होते हैं। सर्दी में लता पर फूल और फल आते हैं। फल सर्दियों में पक जाते हैं। इन बीजों या फलों का कोई विशेष स्वाद नहीं होता। बीजों में राल, टैनिन, वसा, मैंगनीज़, एल-डोपा और एमिनो एसिड पाए जाते हैं।

कौंच बीजों का सेवन नाड़ियों, नसों को ताकत देता है। यह शुक्र-क्षीणता, वीर्यपात, शीघ्रपतन, नपुंसकता, आदि जैसे दोषों को दूर करता है। पार्किन्सन रोग में इसका सेवन काफी लाभप्रद है।

वानरी कल्प के लाभ | Benefits of Vanari Kalpa in Hindi

  • यह वीर्यवर्धक, पुष्टिकारक, बलदायक, रसायन है।
  • यह शरीर को ठंडक देता है।
  • इसके सेवन से कफ, वातपित्त संतुलित होते हैं।
  • यह खून को साफ़ करता है।
  • यह उत्तम वाजीकारक है।
  • यह नाड़ियों को ताकत देता है।
  • यह पुरुषों के लिए यौन टॉनिक है।
  • यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाता है।
  • यह पार्किंसंस रोग में कारगर है।

वानरी कल्प के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Vanari Kalpa in Hindi

  • नपुंसकता Impotence
  • कम शुक्राणु low sperm count
  • कम कामेच्छा low libido
  • पुरुष बांझपन male infertility
  • यौन रोग nightfall
  • शीघ्रपतन premature ejaculation

सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Vanari Kalpa in Hindi

  • 1 चम्मच दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे दूध के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

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