वातगंजाकुश रस के सेवन से कफ प्रधान वात रोग नष्ट होते हैं। इसके बारे में आयुर्वेद में कहा गया है, इसके सेवन से दारुण गृध्रसी भी एक सप्ताह में ठीक हो जाती है। यह शरीर से अतिरिक्त चर्बी को भी हटाती है। इसका सेवन शरीर से आम-दोष को कम करता है।
वातगंजाकुश रस आयुर्वेद की एक रस औषधि है। इसके सेवन से कफ प्रधान वात रोग नष्ट होते हैं। इसके बारे में आयुर्वेद में कहा गया है, इसके सेवन से दारुण गृध्रसी भी एक सप्ताह में ठीक हो जाती है। यह वात-कफ के कारण होने वाले वातरोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह शरीर से अतिरिक्त चर्बी को भी हटाती है। इसका सेवन शरीर से आम-दोष को कम करता है। आयुर्वेद में वात विकारों का कारण आम-दोष को भी माना जाता है।
Vata Gajankush Ras is a herbomineral Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of Vata- vikar with Kapha dominance.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
वातगंजाकुश रस के घटक | Ingredients of Vat Gajankush Ras in Hindi
- रस सिन्दूर Rasa sindura 1 Part
- लोहा Loha (Lauha bhasma) 1 Part
- माक्षिक Tapya (Makshika bhasma) 1 Part
- गंधक Gandhaka shuddha 1 Part
- हरिताल Talaka (Shuddha Haritala) 1 Part
- हरीतकी Pathya (Haritaki) (P.) 1 Part
- काकडाश्रृंगी Shringi (Karkatashringi) (Gl.) 1 Part
- वत्सनाभ Visha (Vatsanabha) (Rt.) 1 Part
- काली मिर्च Marica (Fr.) 1 Part
- पिप्पली Pippali (Fr.) 1 Part
- सोंठ Shunthi (Rz.) 1 Part
- अग्निमंथ Agnimantha (Rt.) 1 Part
- टंकण Tankana shuddha 1 Part
- मुंडीद्रव Mundidrava (Munditika) (Fl.) Q. S. for mardana One day
- निर्गुन्डी Nirgundi drava (Lf.) Q. S. for mardana One day
वातगंजाकुश रस के लाभ | Benefits of Vat Gajankush Ras in Hindi
- यह दर्द में राहत देती है।
- यह कफ प्रधान वात विकारों की अच्छी दवा है।
- यह साइटिका, जबड़े के जकड़ जाने पर, गर्दन की अकड़न आदि में शीघ्र प्रभाव दिखाती है।
- यह मोटे लोगों में होने वाले वात रोगों में बहुत लाभप्रद है क्योंकि यह बढ़ी हुई चर्बी को भी कम करती है।
वातगंजाकुश रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Vat Gajankush Ras in Hindi
- गृध्रसी (Sciatica)
- क्रोष्टुका शीर्ष (Synovitis of Knee joint)
- अवबहुका (Brachialgia: arm pain due to a problem with the nerves, most frequently a compressed or pinched nerve in the neck)
- मान्यस्तम्भ (Neck rigidity/Torticollis: contraction of neck muscles involuntarily, causing head to twist or turn to one side)
- उरुस्तंभा (Stiffness in thigh muscles)
- पक्षाघात (Paralysis/Hemiplegia: total or partial paralysis of one side of the body from disease of or injury to the motor centers of the brain)
- वात-रोग
वातगंजाकुश रस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Vat Gajankush Ras in Hindi
- 1-3 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे रस्नादी काढ़े या दशमूल काढ़े के साथ लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
You can buy this medicine online or from medical stores.
This medicine is manufactured by Baidyanath (Vat Gajankush Ras), Dabur (Vatgajankush Ras) and many other Ayurvedic pharmacies.
Ayurvedic medicines containing detoxified, toxic material/ poisonous substances, heavy metals should be taken only under medical supervision.
Mam Hame pata kaise chalega ki kaf pradhan hai ya koi ar karan ka dard hai