पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी Patanjali Vishtindukadi Vati in Hindi एक हर्बल आयुर्वेदिक दवाई है जो तंत्रिका तंत्र के सामान्य कामकाज में मदद करती है। यह पेट दर्द, तीव्र तंत्रिका दर्द, साइटिका, पुराने वात रोगों, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, में लाभप्रद है। इस दवाई में मुख्य घटक विषतिन्दुक है जिसे कुचला भी कहा जाता है। कुचला घातक जहरीला होता है और इसे आयुर्वेद में केवल शुद्ध (डिटॉक्सिफाइड) करने के बाद ही इस्तेमाल किया जाता है।

स्ट्रैक्नोस नोक्स-वोमिका बीजों में 13 एल्कोलोइड का मिश्रण होता है और इसके मुख्य एल्कालोइड स्ट्राइकेन और ब्रूसिन हैं। स्ट्रैक्विनिन और अन्य रसायन, मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं और मांसपेशी संकुचन का कारण बनते हैं। गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव होने के बावजूद पुराने समय से इसे आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सा प्रणाली में पाचन तंत्र की बीमारियों, दिल की विकारों और परिसंचरण तंत्र, आंखों की बीमारियों और फेफड़ों की बीमारी के लिए उपयोग किया जाता है । इसका उपयोग अवसाद, माइग्रेन सिरदर्द , रजोनिवृत्ति के लक्षण और रक्त वाहिका विकार के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में, कुचला के बीज पहले डिटॉक्सिफाइड किए जाते हैं और इसके बाद ही चिकित्सकीय उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाते हैं।

कुचला को श्वसन तंत्र, न्यूरोमस्क्यूलर प्रणाली को उत्तेजित करने और जनरेटिव अंगों की कमजोरी में दिया जाता है। कुचला जहर है और इसलिए इसे लेड की जहरीले प्रभाव, सांप के काटने और अफीम की अधिक मात्रा के असर को कम करने में दिया जाता है। मांसपेशियों के धीरे धीरे बेकार होने के रोग wasting diseases में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।  नक्स वोमिका के सेवन से कब्ज़ और पाचन की कमजोरी भी दूर होती है।

शुद्ध कुचला Strychnos nux-vomica स्ट्रैक्नोस नक्स-वोमिका, श्वसन और वैसोमोटर केंद्रों को उत्तेजित करता है। इसका दिल पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है और एसिट्लोक्लिन acetylcholine के स्राव को रोकता है। यह सेरेब्रल प्रांतस्था और परिधीय नसों पर कार्य करता है, और चिह्नित अति सक्रियता दिखाता है। यह विषाक्त है। अधिकता में इसका सेवन हृदय पर बुरा असर डालता है और इसे उत्तेजित करता है। नक्स वोमिका को बड़ी खुराक घातक होती है। सुरक्षित खुराक में लेने पर भी दिमाग के सही सेर काम करने पर असर हो सकता है।

नक्स वोमिका को केवल और केवल डॉक्टर के द्वारा निर्देशित किए जाने पर ही लेना चाहिए। इसका सीधा प्रभाव हृदय और दिमाग पर पड़ता है। कुचला की अधिकता होने से इस दवा को एक से दो सप्ताह से अधिक नहीं सेवन करना चाहिए। एक डेढ़ महीने बाद अगर ज़रूरी हो तो इसका फिर से सेवन एक या दो सप्ताह तक किया जा सकता है। ऐसा करीब तीन से चार बार तक किया जा सकता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

यह पेज पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के बारे में हिंदी में जानकारी देता है जैसे कि दवा का कम्पोज़िशन, उपयोग, लाभ/बेनेफिट्स/फायदे, कीमत, खुराक/ डोज/लेने का तरीका, दुष्प्रभाव/नुकसान/खतरे/साइड इफेक्ट्स/ और अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरी जानकारी।

  • पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी में मौजूद सामग्री क्या हैं?
  • पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के उपयोग क्या हैं?
  • पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के दुष्प्रभाव क्या हैं?
  • पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी को कब नहीं लेते हैं?
  • पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी से जुड़ी चेतावनियां और सुझाव क्या हैं?
  • दवा का नाम: पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी Patanjali Vishtindukadi Vati, Divya VISHTINDUKADI VATI
  • निर्माता: पतंजलि दिव्य फार्मेसी
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल कुचला युक्त दवाई
  • मुख्य उपयोग: पुराने वात रोग
  • मुख्य गुण: नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों पर काम करना
  • दोष इफ़ेक्ट: वात और कफ कम करना और पित्त बढ़ाना
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं करें।

Patanjali Vishtindukadi Vati is Herbal Ayurvedic medicine containing Strychnos nux-vomica. Vishamushti, Kuchla, Nux Vomica, Poison Nut, Semen Strychnos, or Strychnos nux-vomica, improves digestion and helps to remove of toxic substances from body. It work on central nervous system and strengthens the nervous system and muscular coordination. It strengthens muscles, joints and bones. Kuchla is used in Vata Roga like neuralgia, facial palsy, hemiplegia, insomnia as it alleviates Vata and pain and because of its sharpness. Being bitter and pungent, it is a good appetizer, digestive and astringent. Dribbling of the urine due to atonicity of bladder is corrected by it. It cures the laxity of body tissue. Kuchila Seeds are nervine, stomachic, and cardio-tonic, aphrodisiac, and respiratory stimulant.

In excessive doses, Strychnos is a virulent poison, producing stiffness of muscles and convulsions, ultimately leading to death. Strychnos nux-vomica Linn. has stimulating effects on respiratory and vasomotor centers. It has direct depressant effect on the heart and inhibits the release of acetylcholine. It acts on cerebral cortex and peripheral nerves and show marked hyperactivity. It is Toxic.

Large doses of nux vomica cause tetanic convulsions and eventually death results. Even with safe doses there may be some mental derangement. Long-term intake strychnine can cause liver damage.

Therefore, it is highly recommended to take this medicine with due caution and UNDER MEDICAL SUPERVISION ONLY. This page is intended to give you correct information about this medicine. Do not use this information to self-diagnose and self-medicate. It is always better to start with low dose. Do check the list of ingredients and their side effects.

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के घटक | Ingredients of Patanjali Vishtindukadi Vati in Hindi

इस दवा में निम्न द्रव्य हैं तथा कुचला इसमें प्रधान औषध है:

  • शुद्ध कुचला
  • सुपारी
  • काली मिर्च
  • इमली के बीज

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के फायदे | Benefits of Patanjali Vishtindukadi Vati in Hindi

  • इसके सेवन से तंतुओं की विकृति दूर होती है।
  • इसके सेवन से नए बुखार, पुराने बुखार, विषम ज्वर, आदि दूर होते हैं।
  • इसके सेवन से नसों को ताकत मिलती हैं और काम शक्ति बढ़ती है।
  • इसके सेवन से शरीर में वात और कफ कम होते हैं।
  • पित्त बढ़ाने के गुण के कारण, यह मन्दाग्नि में लाभप्रद है।
  • यह कठिन वात रोगों में लाभप्रद है।
  • यह पुराने वात रोगों में लाभप्रद है।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Patanjali Vishtindukadi Vati in Hindi

विषतिन्दुकादि वटी, वात रोगों में प्रयोग की जाने वाली दवा है। इसे पक्षाघात, माइग्रेन, कम्पवात, गृध्रसी आदी जैसे गंभीर रोगों में ही डॉक्टर की सलाह के बाद प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। हल्के रोगों जैसे कब्ज़, भूख नहीं लगना आदि में इसका प्रयोग नहीं करना ही बेहतर है। इसे आयुर्वेद की प्रिस्क्रिप्शन दवा के तौर पर समझा जा सकता है जिसकी डोज़ और लेने की अवधि डॉक्टर के द्वारा निर्देशित की जाती है।

  • अफीम व्यसन
  • आर्थराइटिस Arthritis
  • ईडी, नपुंसकता
  • कटिवात
  • गाउट Gout
  • जोड़ों में दर्द pain in joints
  • डिप्रेशन
  • नपुंसकता
  • पक्षाघात लकवा
  • पार्किन्सन रोग
  • पुराने वात रोग
  • फेफड़ों की बीमारी
  • मांसपेशियों में दर्द Muscular Pain
  • मांसपेशी में कमज़ोरी
  • रुमेटिज्म Rheumatism
  • लम्बागो Lumbago
  • साइटिका Sciatica

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Patanjali Vishtindukadi Vati in Hindi

विषतिन्दुकादि वटी को एक से दो सप्ताह से अधिक नहीं लेना है। दवा को 1 या 2 सप्ताह खाने के बाद, इसे लेना बंद कर दें। एक डेढ़ महीने बाद अगर ज़रूरी हो तो इसका फिर से सेवन एक या दो सप्ताह तक किया जा सकता है। ऐसा करीब तीन से चार बार तक किया जा सकता है। ध्यान रहे, यह दवा लम्बे समय तक नहीं ली जानी चाहिए. लम्बे समय तक सेवन करने से बहुत से दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

  • 1 गोली, दिन में एक अथवा दो बार लें।
  • इसे पर्याप्त मात्रा में दूध, मक्खन अथवा घी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • नक्स वोमिका की उचित खुराक उपयोगकर्ता की उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है। नक्स वोमिका के लिए उचित खुराक निर्धारित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है।
  • ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित हों ऐसा जरूरी नहीं हैं।
  • नक्स वोमिका यूए का लम्बे समय तक इस्तेमाल असुरक्षित है ।
  • एक हफ्ते से अधिक समय तक नक्स वोमिका लेना, या 30 मिलीग्राम या उससे अधिक की उच्च मात्रा में, गंभीर साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकता है।
  • लम्बे समय में लेने से इसके दुष्प्रभावों में बेचैनी, चक्कर आना, गर्दन और पीठ में स्टिफनेस, जबड़े और गर्दन की मांसपेशियों, आवेग, दौरे , सांस लेने की समस्याएं , जिगर की विफलता आदि होते हैं।
  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह से ही करें।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में विषैली वनस्पतियाँ होती हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।
  • यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी के साइड-इफेक्ट्स | Side effects of Patanjali Vishtindukadi Vati in Hindi

  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।
  • यह दवा पेट में लम्बे समय तक रहती है और धीरे धीरे अब्सोर्ब होती है।
  • इसका ह्रदय पर अवसादक इफ़ेक्ट होता है।
  • नक्स वोमिका, नर्वस सिस्टम को स्टियुमेलेट करता है। अधिकता में यह न्यूरोमस्कुलर पाइजन है।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।
  • जिन्हें पेट में सूजन हो gastritis, वे इसका सेवन न करें।
  • शरीर में यदि पहले से पित्त बढ़ा है, रक्त बहने का विकार है bleeding disorder, हाथ-पैर में जलन है, अल्सर है, छाले हैं तो भी इसका सेवन न करें।
  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।
  • डॉक्टर से परामर्श के बिना कोई आयुर्वेदिक दवाइयां नहीं लें।
  • समस्या अधिक है, तो डॉक्टर की राय प्राप्तकर सही उपचार कराएं जिससे रोग बिगड़े नहीं।
  • क्स वोमिका में स्ट्रैक्विनिन जिगर की क्षति का कारण बन सकता है या जिगर की बीमारी को और भी खराब कर सकता है। लाइव रोग में इसका इस्तेमाल न करें।

निम्न स्वास्थ्य समस्या होने पर इसे नहीं लेना चाहिए:

  • एसिडिटी hyperacidity
  • नाक संबंधी रक्तस्राव nasal haemorrhages
  • पेट फूलना acute flatulence
  • पेशाब में जलन burning urination
  • मूत्र असंयम urinary incontinence
  • मूत्रमार्ग की सूजन inflammation of the urethra

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

उपलब्धता

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

दवा के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल

क्या इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले सकते हैं?

हाँ, ले सकते हैं। लेकिन दवाओं के सेवन में कुछ घंटों का गैप रखें।

क्या पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी को होम्योपैथिक दवा के साथ ले सकते हैं?

ले तो सकते हैं। लेकिन इस से हो सकता है कि दोनों ही दवाएं काम नहीं करें। इसलिए, दवा के असर को देखना ज़रूरी है।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी को कितनी बार लेना है?

  • इसे दिन में 2 बार लेना चाहिए।
  • इसे दिन के एक ही समय लेने की कोशिश करें।

क्या दवा की अधिकता नुकसान कर सकती है?

  • दवाओं को सही मात्रा में लिया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में दवा का सेवन साइड इफेक्ट्स कर सकता है।
  • इसमें नक्स वोमिका है जो अधिकता में लिए जाने पर अत्यंत नुकसानदायक है।

क्या पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी सुरक्षित है?

  • सिफारिश की खुराक में और कम अवधि में डॉक्टर की सलाह से ही लेना सुरक्षित है। अपनेआप से इसे नहीं लें।
  • इसे लीवर रोग, किडनी रोग, आदि में नहीं लें।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी का मुख्य संकेत क्या है?

पुराने वात रोग।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी का वात-पित्त या कफ पर क्या प्रभाव है?

  • वात कम करना।
  • पित्त वृद्धि करना।
  • कफ कम करना।

क्या इसमें गैर-हर्बल सामग्री शामिल है?

नहीं।

मैं यह दवा कब तक ले सकता हूँ?

आप इसे 1-2 सप्ताह के लिए ले सकते हैं।

पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?

  • इसे भोजन के बाद लिया जाना चाहिए एक ही समय में दैनिक रूप में लेने की कोशिश करें।
  • इसे दूध, बटर या घी के साथ लें।

क्या पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी एक आदत बनाने वाली दवा है?

नहीं।

क्या यह दिमाग पर असर डालती है?

हाँ, डाल सकती है।

क्या पतंजलि विषतिन्दुकादि वटी लेने के दौरान ड्राइव करने के लिए सुरक्षित है?

हाँ।

क्या मैं इसे पीरियड्स के दौरान ले सकती हूँ?

इसे लिया जा सकता है। पीरियड्स के दौरान नहीं लें, अगर आपको रक्तस्राव पैटर्न पर कोई प्रभाव महसूस होता है।

क्या मैं इसे गर्भावस्था, स्तनपान कराने के दौरान ले सकती हूँ?

नहीं।

क्या एक मधुमेह व्यक्ति इसे ले सकता है?

हाँ।

क्या इसे बच्चों को दे सकते हैं?

नहीं।

क्या इसे केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए?

हां।

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