योगेन्द्र रस को उच्च रक्तचाप, वात-पित्त के कारण होने वाले उन्माद, हिस्टीरिया, पक्षाघात या पैरालिसिस, बेहोशी, गृध्रसी, इन्द्रियों की कमजोरी, टी.बी, वीर्य विकार, तथा प्रमेह के उपचार में दिया जाता है।
योगेन्द्र रस, आयुर्वेदिक दवाई है। यह दवा उपयोगी और महंगे घटकों जैसे की स्वर्ण भस्म, मोती भस्म, वंग भस्म आदि से तैयार की जाती है। योगेन्द्र रस स्वर्ण कल्प है। स्वर्ण कल्प आयुर्वेद की वे दवाएं हैं जिनमें स्वर्ण की भस्म होती है।
स्वर्ण या सोना बहुमूल्य धातु है और आयुर्वेद में इसका दवा के रूप में प्रयोग हजारों साल पुराना है। स्वर्ण भस्म गहरे भूरे रंग की होती है, इसमें हल्की गंध और किसी प्रकार का कोई स्वाद नहीं होता। स्वर्ण भस्म में रोग प्रतिरोधक, दिल के लिए बलकारक, दिमाग के लिए उपयोगी तथा शरीर का ओज बढाने का गुण पाया जाता है। मोती भस्म शरीर में कैल्सियम की कमी को दूर करती है। यह अधिक पित्त को कम करती है एवं भ्रम, घबराहट, अनिद्रा, अम्लपित्त को दूर करती है। मोती भस्म तासीर में ठंडी होती है और इसका सेवन शारीरिक और मानसिक रूगों में लाभ करता है। यह दिमाग के रोगों में विशेष लाभदायक है तथा भ्रम, स्मृतिनाश, नींद न आना, आदि में बहुत अच्छे प्रभाव दिखाती है। वंग भस्म, को प्रमेह, मूत्र विकार, वीर्य दोषों, स्वप्न दोष, रक्तपित्त, बार-बार पहाब आना की समस्या में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है।
योगेन्द्र रस को उच्च रक्तचाप, वात-पित्त के कारण होने वाले उन्माद, हिस्टीरिया, पक्षाघात या पैरालिसिस, बेहोशी, गृध्रसी, इन्द्रियों की कमजोरी, टी.बी, वीर्य विकार, तथा प्रमेह के उपचार में दिया जाता है।
Yogendra Ras is a mineral containing Ayurvedic medicine. It is used in treatment of Vata-vikar (diseases due to aggravated vata/vayu/wind, nervous disorders, paralysis, sciatica,), diseases of heart and brain. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
योगेन्द्र रस के घटक | Ingredients of Yogendra Ras in Hindi
- रस सिंदूर (परद) 1 Part
- स्वर्ण भस्म 1/2 Part
- कंटलोहा भस्म 1/2 Part
- अभृ (अभ्रक) भस्म 1/2 Part
- मुक्तिका (मुक्त) भस्म 1/2 Part
- वंग भस्म 1/2 Part
- कुमारी रस (Lf.) Q.S. (मर्दन के लिए)
योगेन्द्र रस के लाभ | Benefits of Yogendra Ras in Hindi
यह दवा एक रसायन tonic है।
यह वात रोगों vata vikar (आयुर्वेद में ८० प्रकार के वात रोग हैं जिसमें शामिल हैं लकवा, अर्दित (मुँह का लकवा), गृध्रसी/सायटिका, जोड़ों का दर्द, गठिया, हाथ पैरों में जकड़न, कम्पन, दर्द, गर्दन का दर्द, कमर का दर्द, हिस्टीरिया, मानसिक विकार, आदि) की उत्तम दवा है
- यह बल, स्मृति, पाचन और वीर्य वर्धक है।
- यह वातवाहिनी और रक्तवाहिनी नाड़ियों पर विशेष प्रभाव डालती है।
- इसका उपयोग वीर्य विकारों sperm disorders, स्वप्नदोष night fall, शीघपतन premature ejaculation आदि को दूर करता है।
- इस दवा का सेवन शरीर को उर्जा, ओज, और बल देता है।
- कठिन वात रोगों में इसका प्रयोग ३-४ महीने लगातार करने से अच्छा लाभ होता है।
योगेन्द्र रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Yogendra Ras in Hindi
- बहुमूत्र (Polyuria), प्रमेह (Urinary disorders)
- वातरोग (Disease due to Vata dosha)
- अपस्मार (Epilepsy), hysteria (excessive or uncontrollable emotion)
- वर्टिगो (feeling of dizziness as if everything is moving or spinning)
- पैराप्लेजिया (paralysis of the lower half of the body)
- भगन्दर (Fistula-inano), Arsha (Haemorrhoids)
- वातपित्त रोग (Disease due to Vata dosha and Pitta dosha)
- मुत्रघात (Urinary obstruction)
- गुदा रोग (Anorectal disease)
- मूर्च्छा (Syncope)
- उन्माद (Mania/Psychosis)
- यक्ष्मा (Tuberculosis)
- क्षीण इन्द्रिय (Impaired senses)
- कोलिकी पेन, अम्लपित्त (Dyspepsia)
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज, cures weakness of heart, palpitations
- All kinds of nervous debility, diseases of joints
योगेन्द्र रस की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Yogendra Ras in Hindi
- 1 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे उचित अनुपान के साथ लें।
- पित्त विकार में, त्रिफला जल + मिश्री
- हिस्टीरिया में, जटामांसी के काढ़े के साथ
- हृदय रोग में, अर्जुन छाल के साथ
- वात रोग में, एरंड मूल रस + शहद के साथ
- बल बढ़ाने के लिए, दूध, मक्खन या मलाई के साथ
या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
You can buy this medicine online from medical stores।
This medicine is manufactured by Baidyanath (Yogendra Ras with gold & pearl), Dabur (Yogendra Ras), Patanjali Divya Pharmacy (Divya Yogendra Ras), Shri Dhootapapeshwar Limited (Yogendra Ras), Manil (Yogendra Ras) and many other Ayurvedic pharmacies.
Ayurvedic medicines containing detoxified, toxic material/ poisonous substances, heavy metals should be taken only under medical supervision.
Lakwa mai sabse adhik kiye or bahut2 fayede huye
Sab bakvas h meine 4 shishi jiski kimat mujhse 5400 lee gyi usko use kiya mushkal se three kilo weight km hua. Green cofee capsules me thi
wo third party website hai jinake ad aate hain, meri website ka kharch ads se chalta hai, uspar mera koi control nahi hai. I am sorry.
there is no medicine which will reduce 20kg, nahi to duniya ke sabhi log dawa se dubale ho jaate.
agar aap sahi tareeke se weight kam Karana chahate hain to neeche likhi baton ko apanaye.
सिर्फ गोली लेने से नहीं होगा। आप को पूरी लाइफ अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव करने होंगे जैसे कंट्रोल्ड खान पान और रोज का व्यायाम। weight को नार्मल करने में नेचुरल तरीके से 1-2 साल लग सकते हैं।
1 घंटे brisk walk(5 din 1 week men), और 3-4 ltr पानी पियें।
fix time pe khana khhayen
Raat ka khana 8 baje tak Kha len. subah nasta dabakar khayen aur raat ke khane men kami laaiye.
Roj kam se kam 3 time khana khaiye. kam se kam meetha khaiye.
Ayurvedic Triphala Churn roj subah 1-2 spoon ka kadha bana kar chai ke jagah pijiye.
kam ho jaayega 1 saal men.
lekin koi 100% guarantee nahi hai.
भैया, ये google ad है इसे नही रोक सकते। बाकी वजन कम कम है तो SUGAR, FAT & WHEAT (in any form) छोड़ना होगा तीन महिना। खाना सिर्फ कच्ची घाणी सरसो तेल में पका कर खाये और रोज़ 5 km पैदल चले, सीढ़ी इस्तेमाल करे