एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) Ectopic Pregnancy FAQs in Hindi

सामान्य प्रेगनेंसी या गर्भावस्था में शिशु का विकास गर्भाशय में होता है। ओवरी से निकलने वाला अंडाणु फैलोपियन ट्यूब में निषेचित होकर गर्भाशय की और चला जाता है और फिर गर्भाशय में स्थापित होकर नौ महीने में स्वस्थ्य शिशु बन जन्म लेता है।

लेकिन किन्ही कारणों से निषेचित भ्रूण गर्भाशय छोड़ कर कहीं ओर विकसित होने लगता है इसे ही एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते हैं।

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या अस्थानिक गर्भावस्था वह गर्भावस्था है जिसमें गर्भ (गर्भाशय) के बाहर ठहर जाता है। इस प्रकार की गर्भावस्था माँ के जीवन को खतरे में डाल सकती है। एक हजार में से करीब पांच गर्भावास्थायें एक्टोपिक हो सकती हैं।

इस तरह की गर्भावस्था को चलने नहीं दिया जा सकता और भ्रूण को नष्ट कर दिया जाता है।

पर्याय: Tubal pregnancy, Cervical pregnancy, ectopic pregnancy अस्थानिक गर्भावस्था

एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है?

वह स्थिति जिसमें निषेचित अंडा, गर्भाशय में नही जा पाता और एक फैलोपियन ट्यूब में ही बढ़ने लगता है। इसके लक्षण में शामिल हैं, पेल्विस में एक साइड तेज़ दर्द और ब्लीडिंग।

क्या एक्टोपिक प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है?

नहीं, आप इस विषय में कुछ नहीं कर सकते। कुछ रिस्क फैक्टर्स को आप कम कर सकते है।

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के क्या कारण हैं?

सामान्य गर्भावस्था में गर्भधारण के लिए निषेचित अंडा गर्भाशय में स्थापित होने के लिए, फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से यात्रा करते हुए गर्भाशय में जाता है। लेकिन यदि फैलोपियन ट्यूब में अंडे की मूवमेंट किसी भी कारण से अवरुद्ध है या धीमी है, तो यह एक अस्थानिक गर्भावस्था का कारण बन जाता है।

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के भिन्न कारणों में शामिल है:

  1. फैलोपियन ट्यूब में जन्मजात दोष
  2. अपेंडिक्स के कारण चोट
  3. एन्डोमेट्रीओसिस (गर्भाशय के टिश्यू गर्भाशय की बाहरी परत में विकसित) endometriosis
  4. पहले हुई अस्थानिक गर्भावस्था
  5. पहले हुआ प्रजनन अंगों का संक्रमण या सर्जरी से चोट

निम्नलिखित कारणों से भी अस्थानिक गर्भावस्था के खतरे बढ़ जाते हैं

  1. महिला की उम्र 35 से अधिक
  2. अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी) IUD लगे होने पर गर्भावस्था
  3. हॉर्मोन निकालने वाली आईयूडी
  4. प्रोजेस्टोजन वाली या मिनी पिल लेने से
  5. नसबंदी के लिए फैलोपियन ट्यूब का ऑपरेशन कराने के बाद
  6. सर्जरी द्वारा फैलोपियन ट्यूब को खोलने के बाद
  7. बांझपन के उपचार के बाद
  8. अज्ञात कारणों से

अस्थानिक गर्भावस्था फैलोपियन ट्यूब के भीतर है हो सकती है लेकिन कई मामलों में यह अंडाशय, पेट, या गर्भाशय ग्रीवा में हो सकती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के क्या लक्षण है?

इस तरह की गर्भावस्था में भी गर्भावस्था के सामान्य लक्षण होते हैं। शुरूवात में तो यह प्रेगनेंसी भी सामान्य लगती है, लेकिन जैसे-जैसे भ्रूण विकसित होता जाता है और उसका आकार बढ़ने लगता है, ट्यूब के क्षति होने की संभावना बढ़ जाती है। योनि से खून आता है जो की मिसकैरिज जैसा लगता है। इसके अतिरिक्त इसमें निम्न लक्षण भी होते हैं:

  1. योनि से असामान्य खून बहना
  2. कमर दर्द
  3. पेल्विस के एक तरफ हल्की ऐंठन
  4. निचले पेट या श्रोणि क्षेत्र में दर्द

यदि अस्थानिक गर्भावस्था में, किसी भी प्रकार की क्षति होती हैं तो निम्न लक्षण भी हो सकते हैं:

  1. बेहोशी होना
  2. मलाशय में तीव्र दबाव
  3. कम रक्त दबाव
  4. कंधे क्षेत्र में दर्द
  5. पेट के निचले हिस्से में, गंभीर तेज, और अचानक दर्द

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लिए परीक्षा और परीक्षण कौन से हैं?

गर्भावस्था की परीक्षण के लिए यूरिन टेस्ट और योनि अल्ट्रासाउंड किया जाता है। यदि एचसीजी हार्मोन काफी तेजी से नहीं बढ़ रहा है, तो अस्थानिक गर्भावस्था हो सकती है।

  1. पेल्विस का एग्जामिनेशन
  2. ब्लड टेस्ट
  3. अल्ट्रासाउंड
  4. लेप्रोस्कोपी

किस प्रकार पता करें एक्टोपिक प्रेगनेंसी का?

अल्ट्रासाउंड के अतिरिक्त कोई तरीका नहीं है जिससे इस प्रकार की गर्भावस्था का सटीक पता लग सके।

यदि एचसीजी human chorionic gonadotropin, or hCG का लेवल तो बढ़ रहा हो लेकिन गर्भाशय में कोई भ्रूण न हो तो एक्टोपिक प्रेगनेंसी होती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज क्या है?

अस्थानिक गर्भावस्था से माँ की जान को खतरा रहता है। ध्यान दें, यह गर्भावस्था फुल टर्म नहीं हो सकती। अस्थानिक गर्भावस्था को जारी रहने नहीं दिया जा सकता और सर्जरी के माध्यम से इसे हटा दिया ही जाता है। ट्यूब के फट जाने पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। यदि यह पहले ही पता लग जाए और इमरजेंसी की स्थिति न हो तो दवाओं के द्वारा भी इसे हटाया जा सकता है।

जिन महिलायों में एक बार एक्टोपिक प्रेगनेंसी हो जाती है उनमे दुबारा यह प्रेगनेंसी होने के असार बढ़ जाते हैं। कुछ मामलों में महिला दुबारा गर्भधारण नहीं होता।

क्या होगा यदि एक्टोपिक प्रेगनेंसी को न हटाया जाए?

यदि इस प्रकार की गर्भावस्था को न हटाया जाए तो फैलोपियन ट्यूब फट सकती हैं, महिला को बहुत अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है और तब उपचार अधिक जटिल होता है। इसमें फैलोपियन ट्यूब को हटा दिया जाता है। इसलिए जैसे ही पता चले, अल्ट्रासाउंड द्वारा भ्रूण की जगह का ज़रूर पता करें।

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