मनुष्यों में गर्भावस्था, या प्रेगनेंसी pregnancy वह स्थति है जिसमें पुरुष के शुक्र semen के लाखों शुक्र कीटों / शुक्राणु sperm में से एक स्त्री के डिम्ब या ओवा ova, egg से संयोग कर नए जीवन को शुरू करता है। स्त्री और पुरुष में प्रजनन अंग reproductive organs अलग होते है और जब ये दोनों एक होते है तभी एक नए जीवन की उत्त्पति होती है।
पुरुष-स्त्री के प्रजनन अंग
पुरुषों में अंडग्रंथि या टेस्टीज़ testes होती है। यह शुक्र ग्रंथि भी कहलाती है। इनकी संख्या दो होती है और अंडकोष / सैक्रोटम scrotum के दोनों तरह लटकी होती है। यह ग्रंथियां वीर्य seman बनाती हैं जो की शुक्राशय / सेमिनल वेसिकल्स seminal vesicles में इकठ्ठा होता रहता है।
पुरुष के वीर्य को शुक्र या सीमन कहते है। यह सेक्स के दौरान शिश्न या पेनिस penis से बाहर निकालता है। यह गाढ़ा, सफ़ेद और बिना किसी गंध का तरल पदार्थ होता है। इसमें लाखों की संख्या में शुक्रकीट या शुक्राणु sperms पाए जाते है। शुक्राणुओं को इंग्लिश में स्पर्म या स्पर्मेटोज़ोआ कहते हैं। ये अत्यंत सूक्ष्म होते है। स्पर्म का छोटा अंडाकार सिर होता है और लम्बी धागे जैसी पूँछ होती है। स्पर्म जीवित होते है और लगातार गतिशील होते हैं। जीवन की उत्पति के लिए स्पर्म्स का लाखों की संख्या में होना, गतिशील होना और अच्छे स्वास्थ्य का होना अत्यंत ज़रूरी है।
स्त्री में में दो डिम्ब ग्रंथि ovary होती हैं, गर्भाशय के दायीं और बायीं ओर। एक महीने में एक तरफ से एक डिम्ब या ओवा बाहर निकलता है। इस प्रक्रिया को ओवूलेशन Ovulation कहते है। यह अंडाणु फैलोपियन ट्यूब fallopian tube में कुछ घंटों तक निषेचन के लिए रहता है।
गर्भ कैसे ठहरता है? How pregnancy occur in Hindi?
गर्भ या बच्चा ठहरने के लिए मैथुन क्रिया sex, sexual intercourse, copulation अनिवार्य है। इसके बिना नया जीवन नहीं शुरू हो सकता। चुम्बन, kissing आलिंगन hugging, बाहरी स्पर्श external touch आदि से गर्भ नहीं होता।
गर्भ तभी होता है जब स्त्री-पुरुष के अंडाणु और शुक्राणु आपस में मिलते हैं। मैथुन के समय पुरुष का सीमन जब स्त्री की योनि में जाता है तो उसमें से बहुत सा निकल जाता है लेकिन कुछ मात्रा में यह योनी में रह जाता है। सीमन में जो शुक्र कीट होते है वे बहुत तेज़ी से आगे आंतरिक प्रजनन अंगों में बढ़ते जाते है जहाँ पर ओवा मौजूद होता है। यह शुक्र कीट कुछ दिनों तक भी अंदर जीवित रह सकते हैं।
जो स्पर्म सबसे मज़बूत होता है वो अंडाणु को निषेचित fertilize कर देता है। निषेचित अंडाणु में कोशिकायों का विभाजन cell division शुरू होता है और अब यह एम्ब्रियो या भ्रूण Embryo कहलाता है। भ्रूण ट्यूब से निकल कर गर्भाशय में अपने आप को स्थापित करता है जिसे इम्प्लांटेशन Implantation कहते है। कुछ महिलाओं में अब योनि से हल्का खून भी जा सकता है जिसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग Implantation bleeding कहते हैं।
अब गर्भावस्था की शुरू हो जाती है जिसका पता गर्भवस्था के टेस्ट, मासिक के न आने से लग जाता है।
बच्चे का लिंग Gender of Child
गुणसूत्र या क्रोमोज़ोम (Chromosome) मानव शरीर की हर कोशिका में होते हैं। गुणसूत्र पर विशेष संरचना होती है जो की जींस कहलाती है। यही माता-पिता से बच्चे को ट्रान्सफर होती है और उसके गुणों, शक्ल, लम्बाई समेत अनेकों गुणों को निर्धारित करती है।
प्रत्येक कोशिका में क्रोमोज़ोम की संख्या 46 (23 का जोड़ा) होती है लेकिन जो जनन कोशिका होती है, यानि की पुरुष के शुक्राणु और स्त्री के अंडाणु उनमें इनकी संख्या 23 की होती है। जब दोनों मिलते हैं तो यह संख्या फिर से 46 हो जाती है।
गुणसूत्र या क्रोमोज़ोम के 22 जोड़े स्त्री और पुरुष दोनों में समान होते है। लेकिन 23 वां जोड़ा दोनों में अलग होता है। यह यौन गुणसूत्र Sex Chromosome कहलाता है। स्त्री में दोनों यौन गुणसूत्र समान होते हैं, XX. पुरुष में ये दोनों भिन्न होते हैं, XY. X क्रोमोज़ोम लम्बा होता है, जबकि Y क्रोमोज़ोम छोटा होता है। पुरुष के स्पर्म पर या तो X क्रोमोज़ोम हो सकता है या Y क्रोमोज़ोम।
इसप्र कार, माता के अंडाणु पर केवल X क्रोमोज़ोम होते हैं और पिता के स्पर्म पर या तो X क्रोमोज़ोम होगा या Y क्रोमोज़ोम।
तो जब निषेचन होगा, दो संभावनाएं हो सकती है।
माता से X क्रोमोज़ोम और पिता का X क्रोमोज़ोम = XX, इस स्थिति में लड़की होगी।
माता से X क्रोमोज़ोम और पिता का Y क्रोमोज़ोम = XY, इस स्थिति में लड़का होगा।
इस प्रकार यह समझा जा सकता है, गर्भाधान के समय conception जब स्त्री के डिंब (अंडे) पुरुष के शुक्राणु से निषेचित हैं और उसी समय बच्चे का लिंग sex of child boy or girl और गुण निश्चित हो जाते हैं। महिलाओं में केवल XX तथा पुरुष स्पर्म में XY क्रोमोजोम होते हैं। यदि X क्रोमोजोम वाले स्पर्म से अंडाणु निषेचित होता है और लड़की Girl होती है और यदि यही Y क्रोमोजोम से हो तो लड़का Boy होता है।
क्या बच्चे का लिंग माता के द्वारा निर्धारित होता है?
इस प्रश्न का उत्तर है नहीं।
बच्चे का लिंग, इस बात से निर्धारित होता है की अंडाणु का निषेचन पिता के X क्रोमोज़ोम से हुआ है या Y क्रोमोज़ोम से। तो लिंग या जेंडर का निर्धारण पिता की तरफ से होता है।
क्या बच्चे का लिंग गर्भ में बदला जा सकता है?
इस प्रश्न का उत्तर है नहीं।
जेंडर निषेचन के समय ही निर्धारित हो जाता है। इसलिए यह संभव ही नहीं की बच्चे का लिंग, गर्भ में बदला जा सके।