प्रसूति / प्रसव, जिसे इंग्लिश में लेबर कहते हैं, वो प्रक्रिया है जिसके द्वारा गर्भ में पल रहा शिशु, जिसने शुरुआत डिम्ब और शुक्राणु से की थी, जन्म लेता है। इस प्रक्रिया के द्वारा न केवल बच्चे बल्कि एक माँ का जन्म भी होता है क्योंकि बच्चा जनने के बाद ही एक स्त्री, माँ कहलाती है।
गर्भाशय जो शिशु को नौ महीनों अपने तरल में रखता है, वह एक मांसपेशीय अंग है। इसमें होने वाले संकुचन बच्चे को बाहर धकेलते हैं। जब गर्भाशय ग्रीवा यानि की गर्भाशय की गर्दन खुल जाती और तब योनि के माध्यम से बच्चा बाहर आता है। कुछ ही देर में बच्चे को पोषण दने वाला प्लेसेंटा (नाल) भी बाहर आ जाता है और लेबर की प्रक्रिया पूरी होती है। पूरे लेबर में बहुत ही दर्द होता है और घंटों का समय लगता है।
पहले बच्चे के समय प्रसव में औसतन 12 से 18 घंटे लगते हैं जबकि दूसरे बच्चे में यह समय 7 घंटे माना जाता है। किन्तु यह याद रखना भी ज़रूरी है की हर प्रेगनेंसी अलग होती है और ज़रूरी नहीं जैसा एक प्रसव में हुआ है वैसा दूसरे में भी हो।
प्रसूति / प्रसव प्रक्रिया के तीन चरण Three Stages of Labor in Hindi
प्रथम चरण First Stage:
जिस अवधि के दौरान गर्भाशय ग्रीवा खुलती है और 0-10 सेंटीमीटर फैल जाती है।
सर्विक्स के फैलाव / dilatation के अनुसार लेबर को अर्ली लेबर, एक्टिव लेबर और ट्रांजीशन लेबर में बांटा गया है।
1. अर्ली लेबर Early labor: फैलाव 0-4 सेंटीमीटर, गर्भाशय ग्रीवा के खुलने की शुरुआत। संकुचन हर 5 से 30 मिनट पर और करीब 30 सेकंड के लिए।
2. एक्टिव लेबर Active labor: फैलाव 4-8 सेंटीमीटर, संकुचन हर 3 से 5 मिनट पर और करीब 45-60 सेकंड लिए।
3. ट्रांजीशन लेबर Transition: फैलाव 8-10 सेंटीमीटर, संकुचन हर 2 से 3 मिनट पर और करीब एक से डेढ़ मिनट लम्बे। 10 सेंटीमीटर से पूरा फैलाव जिससे नवजात बाहर आ सके।
दूसरा चरण Second Stage:
- धक्के द्वारा बच्चे को बर्थ कैनाल में आगे बढ़ाने की अवधि जिससे योनि से होकर बच्चा जन्म ले सके।
- गर्भाशय ग्रीवा पूरी तरह से गर्भाशय में चली जाती है जिससे गर्भाशय और बर्थ कैनाल एक हो सकें।
- सर्विक्स अब पूरी तरह से खुल चुला है।
- संकुचन हर 2 से 5 मिनट पर आते है और करीब 2 मिनट तक रहते है। हर पुश / धक्के के साथ बच्चा बर्थ कैनाल में आगे बढ़ता है। प्रत्येक संकुचन बच्चे को धक्का दे कर आगे बढ़ाता है।
- बच्चा प्यूबिक बोन के नीचे जाता है जहाँ से सिर दिखने लगता है। अब पुश करने को रोकने को कहा जाता है और डॉक्टर पेरिनियम पर काम कर उसे पीछे हटाते हैं और बच्चा निकाल लिया जाता है। गर्भनाल काट सी जाती है।
तीसरा चरण Third Stage:
- नाल / प्लेसेंटा placenta का निष्कासन।
- प्लेसेंटा गर्भाशय से अलग हो जाता है और योनि से डार्क ब्लड के साथ बाहर आ जाता है।
प्रसव शुरू होने के संकेत Signs of labor
यदि आप गर्भवती हैं और गर्भावस्था के किसी ही समय आपको निम्न लक्षण हो तो भी तुरंत हॉस्पिटल में जा कर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। किसी भी तरह की दिक्कत में हॉस्पिटल में बिना समय गवाएं आप का सही ट्रीटमेंट हो सकेगा। अगर गर्भ के पहले 28 सप्ताह पर योनि से पानी या खून जाने लगे तो यह संभावित गर्भपात के लक्षण है।
- गर्भावस्था के अंत में या 9वें महीने में ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन में वृद्धि हो जाती है। ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन वे संकुचन हैं जो पूरी गर्भावस्था में रुक-रुक का आते रहते है। इनमे दर्द नहीं होता। लेकिन लेबर शुरू होने में इसमें दर्द भी होता है। प्रसव के लक्षणों में शामिल है:
- बच्चे का हिलना-डुलना कम हो जाना या बंद हो जाना
- झिल्ली का फट जाना (कई मामलों में ऐसा नहीं होता)
- योनि से खून जाना, खून जाने से पहले सफ़ेद डिस्चार्ज
- नियमित अंतराल पर संकुचन, इन कॉन्ट्रैक्शन के आने का अंतराल छोटा होता जाता है
- ऐंठन, पेट दर्द, मासिक जैसे दर्द
- पीठ में दर्द का होना
- पैर में दर्द होना, क्रैम्प आना
- बेचैनी होना, पसीना अना
- सर्विक्स / गर्भाशय की गर्दन का फ़ैलना
- बहुत अधिक दर्द होना
यदि ऐसे लक्षण हों तो तुरंत ही हॉस्पिटल जा कर गाइनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। गाइनाकोलॉजिस्ट, योनि की फिंगर जांच के द्वारा यह पता लगाते हैं की बच्चा नीचे की तरफ आ रहा है की नहीं और योनी का डाईलेशन कितना है। यदि लेबर शुरू हो चुका हो तो तुरंत ही हॉस्पिटल में एडमिट हो जाएँ जिससे बच्चे का जन्म सही से डॉक्टरों की देख-रेख में हो सके।
अगर दर्द 15 घण्टे से हो रहा हो और बढ़ न रहा हो तो क्या करना चाहिए क्या इससे बच्चे को परेशानी हो सकती है
जी ये तो डॉक्टर ही बता पाएंगी